संस्कृत को जनभाषा बनाने के लिये संस्कृत का सबसे बड़ा मंच "संस्कृत जनभाषा भवेत्" आज उसमे अनेक विद्वान् है। जो संस्कृत को जनभाषा बनाने में अपना योगदान दे रहे है। बहुत सारे विद्वत जन इस समूह में जुड़कर संस्कृत को जनभाषा बनाने में लगातार 6 वर्षो से अपना योगदान दे रहे हैं।
आज समूह में सभी विद्वानों की वजह से 52000 से अधिक सदस्य इस समूह का हिस्सा बन गए है। इन सभी को "धन्यवाद" जिनकी मेहनत से आज संस्कृत के इस मंच को इतना विकास मिला।
आइये आप सब भी हमारी मदद करे संस्कृत को जनभाषा बनाने में। नीचे समूह का लिंक दिया जा रहा है जिसे खोल कर इस यज्ञ में अपनी आहुति दे।
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